“ऑफर सस्ते, चालें महंगी! एयरलाइंस का Dark Pattern गेम फिर पकड़ा गया”

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

Indigo Crisis के बाद लग रहा था कि शायद एयरलाइन कंपनियां सुधरेंगी… लेकिन नई रिपोर्ट बताती है कि “डार्क पैटर्न की फ्लाइट” अभी भी फुल स्पीड में उड़ रही है।

LocalCircles के विशाल सर्वे ने खुलासा किया है कि 10 में से 8 पैसेंजर्स लगातार एयरलाइंस की छिपी चालों का शिकार हो रहे हैं।

1.4 लाख लोगों की राय: ‘एयरलाइंस हमें मजबूर करती हैं गलत फैसला लेने पर’

302 जिलों में हुए इस सर्वे में 1.4 लाख से ज्यादा प्रतिक्रियाएं आईं:

  • 67% पुरुष, 33% महिलाएं शामिल
  • 46% टियर-1, 29% टियर-2, 25% टियर-3 शहरों से

सबका दर्द एक ही — “सस्ते टिकट का सपना दिखाते हैं… और पेमेंट पेज पर जेब कटती है।”

सहमति के खिलाफ फैसले की मजबूरी: फाइनल बटन दबाओ… या उड़ान छोड़ो!

  • 70% ने शिकायत की कि किराया और रिफंड पॉलिसी अचानक बदल दी जाती है — जैसे ही आप ‘प्रोसीड’ क्लिक करते हैं।

  • 17,253 यात्रियों ने कहा कि ऐप हमें हमारी इच्छा के खिलाफ ऑप्शन चुनने पर मजबूर करता है।

  • 64% यात्रियों का कहना है कि “Agree” बटन दबाने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं दिया जाता।

इसे कहते हैं — Forced Consent with Frequent Frustration!

Dark Pattern आखिर होता क्या है?

Dark Pattern एक डिजाइन ट्रिक है, जिसमें:

  • शर्तें छिपाई जाती हैं
  • चार्ज नीचे दबाकर रखा जाता है
  • Attractive Offer दिखाकर बाद में Terms बदल दी जाती हैं

सर्वे में 80% यात्रियों ने माना-उनकी बुकिंग में आखिर में ऐसे चार्ज निकल आते हैं, जो शुरुआत में कहीं नहीं दिखते थे।

मतलब—“Ticket ₹2499 → Final Payment ₹4230 — Magic!”

कौन-कौन पकड़े गए?

रिपोर्ट के मुताबिक एयरलाइन कंपनियां:

  • Air India
  • SpiceJet
  • Akasa Air

…सभी समय-समय पर Hidden Charges जोड़ती पाई गईं। अर्थात इंडस्ट्री का फॉर्मूला वही पुराना “पहले मेहमान बनाओ, फिर धीरे-धीरे बिल बढ़ाओ।”

सरकार को क्या करना चाहिए?

Aviation sector में ये बेईमानी वर्षों से चल रही है। अब जब सबूत हाथ लग गए हैं, सरकार पर दबाव है कि वो एयरलाइनों को “किराया नहीं, इमानदारी में पारदर्शिता” सिखाए।

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